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Union Budget 2025-26 की मुख्य बातें: मध्यम वर्ग और किसानों को राहत, Highlights in Hindi: जानिए आपके लिए क्या बदलेगा – पूरी जानकारी

Budget 2025-26 Highlights in Hindi
Written by gkindia

वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट: मुख्य विशेषताएँ और प्रभाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने, मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने और निजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस बजट में कर सुधार, कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं।

राजकोषीय घाटा और उधारी
  • सरकार ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.4% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष के 4.8% के मुकाबले कम है।
  • सकल उधारी को 14.82 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधारी को 11.54 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है।
आयकर और कर सुधार
  • व्यक्तिगत आयकर में राहत देते हुए, शून्य कर स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।

New Income Tax Slab: इनकम टैक्स स्लैब न्यू रिजीम

आयटैक्स 
0 – 4 लाख  Nil (कोई कर नहीं)
4 –   8 लाख 5%
8 – 12 लाख10%
12 – 16 लाख 15%
16 – 20 लाख 20%
20 – 24 लाख 25%
24 लाख+ 30%
  • कुछ समुद्री उत्पादों पर सीमा शुल्क को कम किया गया है।
  • 12 महत्वपूर्ण खनिजों और 36 जीवनरक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से मुक्त किया गया है।
  • औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ आवश्यक वस्तुओं पर कर रियायतें दी गई हैं।
विदेशी निवेश को बढ़ावा
  • बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है।
  • भारत में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार किए गए हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए घोषणाएँ
  • दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6 वर्षीय मिशन की शुरुआत की जाएगी।
  • कपास उत्पादन के लिए 5 वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा।
  • किसानों को सब्सिडी के माध्यम से सस्ते कृषि उपकरण और बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • कृषि क्षेत्र के लिए ऋण सुविधा बढ़ाकर 22 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है।
बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा
  • ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय निर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
  • छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 10 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है।
  • स्टार्ट-अप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान के साथ ‘फंड ऑफ फंड्स’ की स्थापना की जाएगी।
  • राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 100 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
  • सरकारी अस्पतालों में AI-आधारित हेल्थकेयर सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • सरकारी स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ाने के लिए 10,000 स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे।
  • शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए 5 नए राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार
  • क्षेत्रीय हवाई संपर्क को अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों तक विस्तारित किया जाएगा।
  • रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
  • राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण
  • ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स इंसेंटिव बढ़ाए गए हैं।
  • सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए नई नीतियाँ लागू की जाएंगी।
महत्वपूर्ण प्रभाव और निष्कर्ष

यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने, निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सरकार का मुख्य फोकस मध्यम वर्ग को राहत देने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने पर है। यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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